Wednesday, January 30, 2019

मायावती के राहुल गांधी पर निशाना साधने की वजहें

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बीच कुछ दिनों पहले हुए गठबंधन के बाद से लगातार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साध रहीं मायावती ने मंगलवार को अपनी तोप का मुंह कांग्रेस की ओर कर दिया.

अखिलेश के साथ गठबंधन का ऐलान करते वक़्त भी उन्होंने कांग्रेस और बीजेपी दोनों की कड़ी आलोचना की थी.

उन्होंने 'न्यूनतम आमदनी गारंटी' योजना संबंधी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान की खिल्ली उड़ाते हुए सवाल किया है कि उनका यह वादा भी कहीं कांग्रेस के ही पूर्व में दिए गए 'ग़रीबी हटाओ' जैसे नारे की तरह मज़ाक़ तो साबित नहीं होगा?

ग़ौरतलब है कि राहुल गांधी ने सोमवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव के बाद सत्ता में आती है तो हर व्यक्ति की न्यूनतम आमदनी सुनिश्चित की जाएगी.

राहुल की इस घोषणा को जहां कांग्रेस में भाजपा के ख़िलाफ़ 'मास्टर स्ट्रोक' या 'गेम चेंजर शॉट' कहा जा रहा है, वहीं बसपा अध्यक्ष ने राहुल के इस वादे की विश्वसनीयता पर सवाल उठाकर इसे ग़रीबों के साथ 'क्रूर मज़ाक़'और 'छलावा' क़रार दिया है.

हालांकि मायावती ने राहुल पर निशाना साधकर भी फ़िलहाल भाजपा को ख़ुश होने का मौक़ा नहीं दिया है, उन्होंने राहुल को आड़े हाथों लेने के साथ ही बीजेपी को भी नहीं बख़्शा. मायावती ने राहुल के न्यूनतम आमदनी गारंटी वाले बयान की तुलना 2014 में किए गए भाजपा के 'अच्छे दिन' के जुमले से भी कर डाली.

बसपा सुप्रीमो ने भाजपा और कांग्रेस को तराज़ू के एक ही पलड़े में रखते हुए कहा कि विश्वसनीयता के मामले में दोनों ही पार्टियों का रिकॉर्ड बेहद ख़राब है.

दरअसल, मायावती इस समय अपने राजनीतिक जीवन के बेहद चुनौती भरे दौर से गुज़र रही हैं, इस समय लोकसभा में उनकी पार्टी का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है और उत्तर प्रदेश विधानसभा में भी उनकी पार्टी के महज़ सात विधायक हैं, जो बसपा के इतिहास में अब तक की न्यूनतम स्थिति है.

अन्य राज्यों की विधानसभा में भी बसपा का प्रतिनिधित्व पहले से कम हुआ है और प्राप्त वोटों के प्रतिशत में भी गिरावट आई है, जिसके चलते उसकी राष्ट्रीय स्तर की पार्टी की मान्यता ख़त्म होने का ख़तरा मंडरा रहा है, इसलिए आगामी लोकसभा चुनाव मायावती के अब तक के राजनीतिक जीवन का सबसे निर्णायक चुनाव रहने वाला है.

उत्तर प्रदेश में इस चुनाव के नतीजे और उनकी पार्टी को मिलने वाली सीटों से ही उनका और उनकी पार्टी का राजनीतिक भविष्य निर्धारित होगा, यही वजह है कि उन्होंने सपा से गठबंधन करते हुए उससे अपनी ढाई दशक पुरानी अदावत और अपने साथ हुए लखनऊ के कुख्यात गेस्ट हाउस कांड की कड़वाहट को भी भुला दिया.

हालांकि सपा-बसपा ने अपने गठबंधन में कांग्रेस को जगह नहीं दी, लेकिन राहुल गांधी ने कोई तल्ख़ी न दिखाते हुए इस पर बेहद सधी हुई प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने गठबंधन का स्वागत किया तथा ऐलान किया कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपने दम पर चुनाव लड़ेगी.

उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन का मुक़ाबला वैसे तो सीधे तौर पर भाजपा से होना है, लेकिन पिछले तीन दशक से सूबे की राजनीति में हाशिए पर पड़ी कांग्रेस ने जिस तरह प्रियंका गांधी को सक्रिय राजनीति में उतार कर लोकसभा चुनाव के लिए उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया है, उससे साफ़ है कि कांग्रेस भी यह चुनाव करो या मरो की शैली में लड़ने जा रही है.

राहुल गांधी ने कहा भी है कि कांग्रेस अब उत्तर प्रदेश में फ्रंटफ़ुट पर खेलेगी.

साढ़े तीन-चार दशक पहले जब इंदिरा गांधी के समय तक उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की तूती बोलती थी तब दलित, मुस्लिम और ब्राह्मण उसके मुख्य वोट बैंक हुआ करते थे. लेकिन 1980 के दशक में बसपा के उभार ने कांग्रेस से उसका दलित जनाधार छीन लिया.

राम मंदिर आंदोलन की लहर में ब्राह्मण कांग्रेस का साथ छोड़ कर भाजपा के साथ बह गए और बाबरी मस्जिद विध्वंस की वजह से मुसलमान कांग्रेस को छोड़कर सपा के साथ चले गए.

मायावती को लगता है कि 'न्यूनतम आमदनी गारंटी' वाले राहुल गांधी के वादे से उत्तर प्रदेश में उनका दलित जनाधार प्रभावित हो सकता है इसलिए उन्होंने इस वादे की खिल्ली उड़ाने और राहुल पर निशाना साधने में ज़रा भी देरी नहीं की.

Tuesday, January 22, 2019

EVM हैकिंगः सैय्यद शुजा ने क्यों नहीं किया चुनाव आयोग की चुनौती का सामना?

भारत के निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की हैकिंग को लेकर किए गए ताज़ा दावों के बाद कहा है कि आयोग 'जिन ईवीएम का इस्तेमाल करता है, वो पूरी तरह सुरक्षित हैं.'

आयोग ने हैकिंग के दावों को खारिज करते हुए कहा है कि वो ये देख रहा है कि इस मामले में 'क्या कानूनी कार्रवाई हो सकती है.'

ब्रिटेन की राजधानी लंदन में सोमवार को इंडियन जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (आईजेए) के एक आयोजन में अमरीका स्थित एक कथित साइबर एक्सपर्ट ने दावा किया था कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है.

केंद्र की एनडीए सरकार की अगुवाई कर रही भारतीय जनता पार्टी ने ईवीएम हैकिंग के दावों को लेकर कांग्रेस पर तीखा हमला किया है और कहा है कि चुनाव से पहले हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ने की तैयारी की जा रही है.

लंदन के कार्यक्रम के दौरान कथित हैकर ने दावा किया कि वो भारत में चुनावों के दौरान ईवीएम हैक कर चुका है. हालांकि इन दावों के समर्थन में कोई प्रामाणिक सबूत सामने नहीं रखा गया.

इस कार्यक्रम के बाद विपक्ष के कुछ दलों ने इस मामले को निर्वाचन आयोग के सामने उठाने की बात की.

लंदन में मौजूद बीबीसी संवाददाता गगन सबरवाल ईवीएम हैकिंग का दावा करने वाले कथित हैकर सैय्यद शुजा की प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थीं. गगन सबरवाल ने सैय्यद शुजा से उनके दावों पर कुछ सवाल-जवाब भी किए.

सवालः अमरीका और कांगो जैसे देशों में बिना किसी परेशानी के ईवीएम का इस्तेमाल कैसे किया जा रहा है?

सैय्यद शुजाः मैंने अमरीका की ईवीएम की जांच नहीं की है. मुझे उन्हें परखने का मौक़ा नहीं मिला इसलिए मैं उसके बारे में कुछ नहीं बोल सकता और कांगो के बारे में तो मुझे कुछ नहीं मालूम.

सवालः पिछले साल जब भारतीय निर्वाचन आयोग ने ईवीएम को हैक करने की खुली चुनौती रखी थी तब आपने उसमें हिस्सा लेने के बारे में क्यों नहीं सोचा?

सैय्यद शुजाः मैं यहां शरण लेकर रह रहा हूं. अगर मैं भारत चला जाता तो मेरी सुरक्षा की गारंटी कौन लेता? जो लोग उसमें हिस्सा लेना चाहते थे मैंने उन्हें अपना साथ देने का विकल्प दिया था लेकिन बाद में वे लोग पीछे हट गए.

सवालः तो आज ऐसा क्या हुआ कि आप ईवीएम हैकिंग पर बात कर रहे हैं और आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस से आप क्या हासिल करने की उम्मीद लगा रहे हैं?

सैय्यद शुजाः मैं कुछ भी उम्मीद नहीं लगा रहा हूं. मैं जानता हूं कि कुछ भी बदलने वाला नहीं है. इसकी वजह है कि ईवीएम चुनावों में इस्तेमाल होती रहेगी और जो हो रहा है वह भी जारी रहेगा. कुछ भी बदलने वाला नहीं है. यहां तक कि अगर हरएक भारतीय भी यह कहने लगे कि ईवीएम की जगह बैलट पेपर से चुनाव होने चाहिए तब भी बीजेपी के पास इतनी ताकत है कि वह पैसे देकर वोट खरीद सकती है. लोगों इस बारे में सोचना होगा कि उन्हें अपने लिए किस तरह की सरकार चाहिए.

सवालः अगर ईवीएम का इस्तेमाल नहीं करें तो फिर उसकी जगह क्या इस्तेमाल में लाया जाए?

सैय्यद शुजा भारत के पास हैक ना हो सकने वाली ईवीएम भी है. लेकिन उनका इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. हमने उन्हें जो डिज़ाइन दिया है उसे हैक नहीं किया जा सकता. इस ईवीएम में किसी तरह के ट्रांसमीशन की संभावना नहीं है.

बीबीसी संवाददाता ने उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल से भी कुछ सवाल पूछने चाहे. लेकिन उन्होंने कहा कि वे अपनी ओर से कोई बयान जारी नहीं करना चाहते. यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें कांग्रेस की ओर से इस कार्यक्रम में भेजा गया है. इस पर कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके एक दोस्त ने उन्हें यहां आने का न्यौता दिया था.

कुछ देर बाद निर्वाचन आयोग ने एक प्रेस विज्ञप्ति के जरिए इस मामले पर अपना पक्ष रखा.

निर्वाचन आयोग की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, " भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के संज्ञान में आया है कि लंदन में हुए एक इवेंट में ये दिखाने का दावा किया गया है कि ईसीआई जिन वोटिंग मशीनों का इस्तेमाल करता है, उनमें छेड़छाड़ की जा सकती है. चुनाव आयोग मज़बूती के साथ इस निश्चित तथ्य के साथ है कि भारत में चुनाव के दौरान आयोग जिन ईवीएम का इस्तेमाल करता है वो पूरी तरह सुरक्षित (फुल प्रूफ) हैं."

आयोग की विज्ञप्ति में आगे कहा गया है, "ये दोहराना जरूरी है कि ये ईवीएम भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड तैयार करते हैं. उस दौरान कड़ी निगरानी और कड़ी सुरक्षा रहती है. साल 2010 में गठित तकनीकी विशेषज्ञों की कमेटी हर चरण पर तय मानकों के मुताबिक कड़ी निगरानी करती है."

Friday, January 18, 2019

中共中央印发《中国共产党政法工作条例》

新华社北京1月18日电 近日,中共中央印发了《中国共产党政法工作条例》,并发出通知,要求各地区各部门认真遵照执行。《中国共产党政法工作条例》全文如下。

  第一章 总则

  第一条 为了坚持和加强党对政法工作的绝对领导,做好新时代党的政法工作,根据《中国共产党章程》、《中华人民共和国宪法》和有关法律,制定本条例。

  第二条 本条例适用于中央和县级以上地方党委、党委政法委员会、政法单位党组(党委)领导和组织开展政法工作。

  第三条 政法工作是党和国家工作的重要组成部分,是党领导政法单位依法履行专政职能、管理职能、服务职能的重要方式和途径。

  党委政法委员会是党委领导和管理政法工作的职能部门,是实现党对政法工作领导的重要组织形式。

  政法单位是党领导下从事政法工作的专门力量,主要包括审判机关、检察机关、公安机关、国家安全机关、司法行政机关等单位。

  第四条 政法工作必须坚持以马克思列宁主义、毛泽东思想、邓小平理论、“三个代表”重要思想、科学发展观、习近平新时代中国特色社会主义思想为指导,牢固树立政治意识、大局意识、核心意识、看齐意识,坚定中国特色社会主义道路自信、理论自信、制度自信、文化自信,坚决维护习近平总书记党中央的核心、全党的核心地位,坚决维护党中央权威和集中统一领导,围绕统筹推进“五位一体”总体布局和协调推进“四个全面”战略布局,坚持党的领导、人民当家作主、依法治国有机统一,坚决捍卫党的领导和中国特色社会主义制度,维护宪法法律权威,支持政法单位依法履行职责,保证司法机关依法独立公正行使职权,确保政法队伍全面正确履行中国特色社会主义事业建设者、捍卫者的使命。

  第五条 政法工作的主要任务是:在以习近平同志为核心的党中央坚强领导下开展工作,推进平安中国、法治中国建设,推动政法领域全面深化改革,加强过硬队伍建设,深化智能化建设,严格执法、公正司法,履行维护国家政治安全、确保社会大局稳定、促进社会公平正义、保障人民安居乐业的主要职责,创造安全的政治环境、稳定的社会环境、公正的法治环境、优质的服务环境,增强人民群众获得感、幸福感、安全感。

Thursday, January 10, 2019

पर्यटकों को कम करने की तैयारी, वेनिस समेत 3 प्रमुख शहरों में लगेगा एंट्री टैक्स

कुछ साल पहले हर देश की ख्वाहिश होती थी कि ज्यादा से ज्यादा पर्यटक उनके यहां आएं। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से इटली भी हमेशा से पर्यटकों का स्वागत करता रहा है, लेकिन अब सरकार एक ऐसा कानून बनाने जा रही है जिसमें पर्यटकों को एंट्री टैक्स देना होगा। वेनिस और फ्लोरेंस शहर के मेयर ने 10 यूरो (करीब 800 रुपए) एंट्रेंस टैक्स का प्रस्ताव रखा है।

पर्यटक इसे पैसा उगाही का तरीका मान रहे
कई इतालवी लोगों का मानना है कि पर्यटकों पर एंट्रेंस टैक्स लगाकर सरकार पैसा उगाही करना चाहती है। 2 साल पहले लिंगुरिया क्षेत्र में आने वाले छोटे शहर सिनेक तेर ने भी टिकटिंग सिस्टम शुरू किया था। यहां सालाना करीब 15 लाख लोग आते हैं।

पर्यटकों के मामले में इटली दुनिया में पांचवें पायदान पर है। यहां हर साल पांच करोड़ 24 लाख लोग घूमने जाते हैं। ग्लोबल जीडीपी में इटली का हिस्सा 10% है। सस्ते यात्रा टिकटों के चलते विकासशील देशों के लोग भी यहां बड़ी तादाद में पहुंचने लगे हैं।

गंदे हो रहे शहर
पर्यटकों को रोकने की सबसे बड़ी वजह बढ़ती गंदगी भी है। एयर ट्रैफिक और क्रूज जहाजों की बढ़ती आवाजाही के चलते पर्यावरण को तो नुकसान हो ही रहा है, साथ ही शहरों में कचरा, मिट्टी का कटाव, अपराध और प्रदूषण में भी इजाफा हो रहा है। लोगों का कहना है कि एंट्री टैक्स लिए जाने से समस्या खत्म नहीं होगी, बल्कि पर्यटकों की संख्या बढ़ सकती है।

फूहड़ होते जा रहे पर्यटक
दरअसल लोगों को समस्या पर्यटकों की ज्यादा तादाद से नहीं है, बल्कि उनके दिमागी उथलेपन से है। बीते कुछ साल में स्थानीय लोगों में पर्यटकों को लेकर तिरस्कार बढ़ा है। लोगों का मानना है कि पर्यटकों का शहर की संस्कृति-सुंदरता से कोई लेना-देना नहीं है, वे बस सेल्फी लेने के लिए पूरे इलाके में भटकते रहते हैं। मेजबानों का एक डर यह भी है क्योंकि वे माइकल एंजेलो की वास्तविक मूर्तिकला देखने की बजाय मूर्तियों के प्राइवेट पार्ट देखने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाते हैं।

उधर, पर्यटकों को भी यह पता है कि उन्हें महज तेजी से खाली होने वाले पर्स के रूप में देखा जाता हैं। इटली में आइसक्रीम बेचने वाला पर्यटकों से 20 यूरो ज्यादा चार्ज करता है। पिछले साल फ्लोरेंस में सार्वजनिक रूप से खाने वालों को 150 से 500 यूरो का जुर्माना लगाया गया था।

चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका झारखंड हाईकोर्ट ने गुरुवार को खारिज कर दी। पिछले हफ्ते इस पर करीब दो घंटे तक चली सुनवाई के दौरान लालू के वकील कपिल सिब्बल ने उनकी बीमारियों और उम्र का हवाला दिया था। वहीं, सीबीआई के वकील ने लालू की जमानत याचिका का विरोध किया। लालू ने जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में हस्तक्षेप याचिका दायर कर जमानत की मांग की थी।

जमानत की अवधि 6 हफ्ते बढ़ाने की अपील की गई थी

याचिका में कहा गया था कि देवघर, चाईबासा और दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में इससे पहले भी उनको जमानत मिल चुकी है। लिहाजा उन्हें इस बार भी जमानत की दी जाए। सिब्बल ने मुंबई के हॉस्पिटल के लालू यादव की बीमारियों से संबंधित सर्टिफकेट भी पेश किए। जमानत की अवधि 6 हफ्ते और बढ़ाने की नई याचिका में कहा गया था कि लालू गंभीर रूप से बीमार हैं। वह प्लेटलेट्स की कमी, ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर, हार्ट, किडनी और डिप्रेशन समेत कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं।

जमानत के लिए तीन आधार बताए गए
लालू की ओर से दायर याचिका में तीन बातों को आधार बनाया गया था। लालू के वकील की ओर से जिस पहली बात को आधार बनाया गया, उसमें कहा गया कि इसी मामले में अन्य दोषियों को जमानत मिल चुकी है, खुद लालू को भी पूर्व में जमानत मिली थी, लिहाजा बेल दी जाए। दूसरा लालू के मेडिकल ग्राउंड और तीसरा आधार उम्र को बनाया गया।

Thursday, January 3, 2019

सेंसेक्स 378 अंक गिरकर 35514 पर बंद, देना बैंक का शेयर 20% लुढ़का

मुंबई. शेयर बाजार गुरुवार को लगातार दूसरे दिन बड़े नुकसान में रहा। सेंसेक्स 377.81 अंक गिरकर 35,513.71 पर बंद हुआ। इंट्रा-डे में यह 35,475.57 तक फिसल गया था। निफ्टी की क्लोजिंग 120.25 प्वाइंट नीचे 10,672.25 पर हुई। कारोबार के दौरान यह 10,661.25 के स्तर तक गिर गया था। बैंक ऑफ बड़ौदा में मर्जर के लिए शेयर स्वैप रेश्यो पक्ष में नहीं रहने की वजह से देना बैंक के शेयर में 20% गिरावट आ गई।

कमजोर विदेशी संकेतों और रुपए में कमजोरी की वजह से बाजार में बिकवाली बढ़ी। सरकार की ओर से किसानों को संभावित राहत पैकेज की  रिपोर्ट से भी सेंटीमेंट बिगड़े। विश्लेषकों के मुताबिक निवेशकों के मन में इस बात की आशंका बढ़ गई कि सरकारी खजाने पर भार बढ़ सकता है।

तेल कंपनियों के शेयरों में 3.5% तक गिरावट
सेंसेक्स के 30 में से 25 शेयरों में गिरावट रही। निफ्टी के 50 में से 42 शेयर नुकसान में रहे। तेल कंपनियों के शेयर 3.5% तक लुढ़क गए। ऑटो, फार्मा और मेटल शेयरों में 2% तक गिरावट आई। बीएसई पर सिर्फ एफएमसीजी और टेलीकॉम कंपनियों के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए।

विजया बैंक का शेयर 7% टूटा
देना बैंक का शेयर बीएसई पर 19.78% गिरावट के साथ 14.40 रुपए पर बंद हुआ। एनएसई पर 19.55% गिरावट आई। विजया बैंक का शेयर 7% नुकसान में रहा। इन दोनों के बैंक ऑफ बड़ौदा में मर्जर के लिए शेयर स्वैप रेश्यो पक्ष में नहीं रहने की वजह से शेयरों में गिरावट आई।

बैंक ऑफ बड़ौदा ने बुधवार को शेयर स्वैप रेश्यो का ऐलान किया था। इसके मुताबिक विजया बैंक के शेयरधारकों को प्रति 1000 शेयरों के बदले बैंक ऑफ बदौड़ा के 402 शेयर मिलेंगे। देना बैंक के शेयरहोल्डर्स को प्रति 1000 शेयरों के बदले बैंक ऑफ बदौड़ा के 110 शेयर मिलेंगे।

आयशर मोटर्स: 2 दिन में शेयर 13% टूटा
आयशर मोटर्स का शेयर गुरुवार को एनएसई पर 4.22% (893.30 रुपए) की गिरावट के साथ 20,269 रुपए पर बंद हुआ। बुधवार को इसमें 9.40% (2,181.10 रुपए) की गिरावट आई थी। कंपनी की रॉयल एनफील्ड बाईक की बिक्री में दिसंबर में 13% कमी आई है। इस वजह से शेयर में बिकवाली बढ़ गई है।

जेट एयरवेज: 2 दिन में शेयर 14% लुढ़का
एयरलाइन का शेयर गुरुवार को एनएसई पर 6.56% (17.30 रुपए) की गिरावट के साथ 246.25 रुपए पर बंद हुआ। बुधवार को भी 6.89% (19.35 रुपए) के नुकसान में रहा था। लोन में डिफॉल्ट करने और इक्रा की ओर से रेटिंग घटने की वजह से शेयर में बिकवाली बढ़ी।

डॉलर के मुकाबले रुपया गुरुवार को 9 पैसे कमजोर होकर 70.26 पर आ गया। बुधवार को 70.17 पर क्लोजिंग हुई थी। उधर, ब्रेंट क्रूड 0.3% की गिरावट के साथ 54.83 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।

台湾小学男生担心粉红口罩引发的性别教育讨论

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